Wednesday, November 13, 2019

          परतें                                                

पैदा होते ही                               
सुंदर है जहां....                             
उसके बाद तो
इसकी नज़र
उसका नज़रिया
हवा लग गयी....
कि ओढ़ता गया
शॉल....
गर्मी इतनी लगी
कि बीमार पड़ गया
उन शॉल को उतार कर
ठंड लगने का डर था
फिर भी
एक- एक करके
जब हटाईं शॉल
लो
अब बेहतर
लगने लगा                                           
-प्राची 'साक्षात'

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